संभल कर दोस्ती का हाथ बढ़ाना! हर कदम पर प्यासा है कोई तेरे तन का! तुम्हें दीवानी नहीं मर्दानी बन्नी है! जिसे भूल चुकी दुनियां, व अनमिट कहानी बनी है ! By_Abhimanyu prajapati ### ये दोस्ती कैसा ?