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यूं खामोशियों के पहर को सताइए नहीं, ज़ख्मों के निश

यूं खामोशियों के पहर को सताइए नहीं,
ज़ख्मों के निशान अभी ज़िंदा हैं कहीं।

©Abhiraj Kumar ##निशान
यूं खामोशियों के पहर को सताइए नहीं,
ज़ख्मों के निशान अभी ज़िंदा हैं कहीं।

©Abhiraj Kumar ##निशान