मिट्टी से गड़ कर मूर्त थी। आपकी बनाई प्रभू देखते देखते बिदाई की घड़ी भी निकट आ ही गई । मेहमान की तरह आते हो प्रभु फिर घर के सदस्य बन जाते हो। आखो मे आसूँ ओर घर सुना कर जाते हो। 😭😢😭miss you majhe bappa जय हो प्रभू दिन जाहे कम थे प्रभू पर रिश्ता वही बचपन वाला o my frnd ganesha 😍😘😘🍫🍫 ©saloni toke alfazon ki khumari बप्पा की विदाई