White अन्तर्मन में युद्ध छिड़ रहा, बाहर कैसी ये बहार है..! मौसम है पतझड़ का या, इश्क़ का कोई त्यौहार है..! सुहाना लग रहा है सफर, बस मंजिल की दरकार है..! भीगने दो हमें भी मोहब्बत में, इश्क़ की जो ये हल्की हल्की बौछार है..! समां हो गया रंगीन और, गुलाबी वातावरण का विचार है..! आँखों से मिले आँखे दिल से दिल मिले, मोहब्बत में थोड़ा होना शिष्टाचार है..! तक़दीर बन के जीवन में आओ, छपाना इश्क़ का समाचार है..! ©SHIVA KANT(Shayar) #anatarman