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स्वर्णिम नजारे इक मुल्क के सरहदों में बँट गये मेरी

स्वर्णिम नजारे इक मुल्क के सरहदों में बँट गये
मेरी नज्म चली गई पाक, काव्य करते हम यहाँ रह गये
क्या-क्या समेटूँ और क्या बिखेर दूँ लफ्जों की सजावट में
मेरी नजर उस पार चली गई, नजारे इस पार रह गये !!

वो कुरान शरीफ सी पाक,हम कन्हैया की मुरली के सुर में बह गये
इक परिन्दा परवाज भरके आया है वहाँ से मेरे अहले वतन को
संदेश है महबूब का, कि तुम भी चले आना इस ईद इफ्तार की दावत को
हम भी दीवाली के दीपक की लौ संग तेरे आँगन पहुँच गये !! #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #love #shayari #सरहद #indiapakistan #life
स्वर्णिम नजारे इक मुल्क के सरहदों में बँट गये
मेरी नज्म चली गई पाक, काव्य करते हम यहाँ रह गये
क्या-क्या समेटूँ और क्या बिखेर दूँ लफ्जों की सजावट में
मेरी नजर उस पार चली गई, नजारे इस पार रह गये !!

वो कुरान शरीफ सी पाक,हम कन्हैया की मुरली के सुर में बह गये
इक परिन्दा परवाज भरके आया है वहाँ से मेरे अहले वतन को
संदेश है महबूब का, कि तुम भी चले आना इस ईद इफ्तार की दावत को
हम भी दीवाली के दीपक की लौ संग तेरे आँगन पहुँच गये !! #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #love #shayari #सरहद #indiapakistan #life