महज़ नैनों से , इश्क़ सरोकार नहीं होता । हाँ! तड़प बढ़ती हैं हर रोज़ , हर रोज़ गर तेरा दीदार नहीं होता ।। दिल की कहूँ , तो गुफ्तगू हो जाने दो । एक दूसरे को एक दूसरे में , खो जाने दो ।। ख्याल रहे ! सिर्फ़ मुस्कुराने से , या नज़र मिलाने से । ख़ुद इश्क़ भी अपना , दावेदार नहीं होता ।। ©Kumar Harish गुफ्तगू #kumarharish7 #follow_on_instagram