जीत लिखदु तुम्हें या पराजय लिखु मेरे इतिहास में तुमको क्या नाम दु स्वप्न थी तुम मेरा ना हकिकत हुई इस कहानी को कैस मैं अंजाम दु जीत लिखदु तुम्हें तुम्हारा मिलना मुझे एक संयोग था मेरा चाहना तुम्हें भी कोई योग था तुमने समझा नहीं ये शिकायत तो है मै बता न सका बस यही रोग था खेल विधि का लिखु या खता खुद मेरी इस व्यथा को मेरी कैसे विश्राम दु #इतिहास