दिलजलों में हम शामिल ना हुए। मौत को हम हासिल ना हुए। हम तन्हा रह गए मगर किसी तन्हा को हासिल ना हुए। मोहब्बत हम तेरे काबिल ना हुए.. हम बुरे ही थे,आदिल ना हुए। तेरी अदाओं के मानिल ना हुए। पढ़ कर तेरे आंखो में इश्क़ हम फाजिल ना हुए। मोहब्बत हम तेरे काबिल ना हुए।। किसी और के ख्वाबों के हम कातिल ना हुए । तेरा आज तो थे हम मगर तेरे कल में मुस्तकबिल ना हुए। मोहब्बत हम तेरे काबिल ना हुए। आदिल - अच्छा, मानिल - सुनार, फाजिल - पढ़ा - लिखा मोहब्बत