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आँखों को जब किसी की चाहत हो जाती है,उसे देख के ही

आँखों को जब किसी की चाहत हो जाती है,उसे देख के ही दिल को राहत हो जाती है,कैसे भूल सकता है कोई किसी को ‘ऐ’ दोस्त,जब किसी को किसी की आदत हो जाती है,मोहोब्बत कुछ इस कदर हो जाती है उसे,के रब से पहले उसकी इबादत हो जाती है

©Salam Bhai. #shsyri
आँखों को जब किसी की चाहत हो जाती है,उसे देख के ही दिल को राहत हो जाती है,कैसे भूल सकता है कोई किसी को ‘ऐ’ दोस्त,जब किसी को किसी की आदत हो जाती है,मोहोब्बत कुछ इस कदर हो जाती है उसे,के रब से पहले उसकी इबादत हो जाती है

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