कोरा काग़ज़ Premium Challange-18 विषय 4 :- चाँद और चाँदनी (कविता) उनके आने से हमारी ज़िंदगी में बहार आ गई। ख़ुशियाँ मिली हज़ारों चेहरे पे निखार आ गई। हम जिसकी चाहत की तलाश में थे पागल। वो आज मुस्कुराते हुए नदिया के पार आ गई। देख के उसके चेहरे का नूर हम मोहित हो गए। दिल, धड़कन, साँसों में भी एक खुमार आ गई। चाँद और चाँदनी की बातें हम कभी करते थे। आज खुद चाँदनी चलकर मेरे पास आ गई। उसकी तारीफ़ के क़सीदे में क्या कह दें हम। उसके आने से ही रौनक-ए-बहार आ गई। कोरा काग़ज़ Premium Challange-18 विषय 4 :- चाँद और चाँदनी (कविता) उनके आने से हमारी ज़िंदगी में बहार आ गई। ख़ुशियाँ मिली हज़ारों चेहरे पे निखार आ गई। हम जिसकी चाहत की तलाश में थे पागल। वो आज मुस्कुराते हुए नदिया के पार आ गई।