दीदार-ऐ-नजर ना सही सपनों में आते रहिये मुलाकातों का सिलसिला यूँ ही चलते रहने दो लब खामोश अगर तो क्या आँखों से बताते रहिये इस दिल को अपनी बेकरारी यूँ ही कहते रहने दो हवा आहिस्ता बहे तो क्या इन जुल्फों को उड़ाते रहिये इन केशों को हंसी चेहरे पे यूँ ही बिखरते रहने दो लाख गम हो सीने में मगर फिर भी मुस्कुराते रहिये इन हंसी के फुहारों को यूँ ही निकलते रहने दो जल्द होगी मुलाक़ात उनसे खुद को समझाते रहिये तुम 'मौन' सही पर अरमानों को यूँ ही मचलते रहने दो दिलबर की आस में तुम रोज संवरना वो लौट के आयेंगे तुम इंतज़ार करना #intezaar#aas #mulaakat #maun #yqbaba #yqdidi