मैं बोलता गया हूं तो वो सुनता रहा खामोश... ऐसे भी मेरी हार हुई है कभी-कभी... - वसीम बरेलवी ---------------- मैं बोलता गया, और मेरे लफ्ज़ बिखरते रहे.. रात भर उसकी सांसों से टकराते हुए..!! सब कुछ ख़ामोश था, सिवाय उसके हाथों के.. जो बना रहे थे लकीरे रेत पर.. वही समुंदर के किनारे..!! रात ढलती गयी.. उजाला बढ़ता गया.. लकीरों का सफ़र.. तस्वीरों मे बदलता गया..!! वो अभी भी ख़ामोश है.. और मैं अभी भी हैरान हूँ.. रेत पे बनी उसकी तस्वीरों को.. मैं क्या पहचान दूँ ..!! शायद हार ही है, आज मेरी किस्मत मे उसके लिए.. कुछ उतार पाया था, लकीरों के निशान यहीं कही.. उसकी ज़िंदगी की तरह मिटा गयीं, उसकी तस्वीरों की कहानी.. इस समुंदर की लहरें अभी - अभी..!! #Nojoto #nojotonews #abhiabhi #अभी_अभी #alone