कमरे की खिड़की से अपने बाहर बरसती इन बारिश की बूँदों को एक टक निहारती तुम! मुझे तंग-तंग कर के रखने वाली कभी बच्चों से ज्यादा शरारती तुम! बाकी यहाँ पढ़ो अपने ही बारे में ❤️ पहली बार देख कर नजरों से अपनी मुझे इश्क का खेल खिलाती तुम! बिन कुछ कहे, बिन कुछ सुने हमारे दिलों का मेल कराती तुम!