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गौर करो तो देखो मन से मन की गुफ्त्गू हो रही है सा

गौर करो तो देखो मन से मन की गुफ्त्गू हो रही है 
सांची प्रीत को कोई बजह नही होती
बो देखो प्रेम कली केसे पल्लवित हो रही है 
गुस्ताखियाँ हो गई,गुलज़ार था गुलमोहर से जो गुलशन 
 उसी  बहारे चमन  के अरमानो को मचलने चले थे 
बो देखो खुशबू इत्रे  इश्क की हर जगह महक रही है 
मन मीत से मिलकर मन का भबरां गुन गुन करे
बो देखो मन की तितलियाँ केसे उड रही हैं guftgu
गौर करो तो देखो मन से मन की गुफ्त्गू हो रही है 
सांची प्रीत को कोई बजह नही होती
बो देखो प्रेम कली केसे पल्लवित हो रही है 
गुस्ताखियाँ हो गई,गुलज़ार था गुलमोहर से जो गुलशन 
 उसी  बहारे चमन  के अरमानो को मचलने चले थे 
बो देखो खुशबू इत्रे  इश्क की हर जगह महक रही है 
मन मीत से मिलकर मन का भबरां गुन गुन करे
बो देखो मन की तितलियाँ केसे उड रही हैं guftgu