जिस्म ने लूट लिया इश्के मजाजी सारी
मन कर शर्मिंदगी महसूस रह गई
नंगा हुआ तन, बेअदबी चारों ओर
बिना लिबास पहने मन सो गई....
पयोधार से निकलती प्रेम दुग्ध नहीं,
स्तनन की आवाजें, कर्णकटु दुखदायी
जिस्म ने लूट लिया इश्क के तरंगे सारी #YourQuoteAndMine#कविताएं_और_हम#होली_तेरी_यादों_की