"कोशिश न कर" अपनी हाँ को, ना में छुपाने की कोशिश न कर, नज़रें भी बोलती हैं, चुराने की कोशिश न कर। दिली आवाज़ को दिमागी चाल से, दफ़नाने की कोशिश न कर, चुप भी मुनादी करता है, छुपाने की कोशिश न कर। झूठा गुस्सा दिखा के, दिल मे समाने की कोशिश न कर, सच्चा मुस्कुरा के, सताने की कोशिश न कर। हाले दिल मालूम है मुझे, मुग़ालता जिलाने की कोशिश न कर, मुझे सब पता है, हाँ झुठलाने की कोशिश न कर। ना ना करके, मुझे तड़पाने की कोशिश न कर बड़ा दुःख देते हैं जज़्बात, दबाने की कोशिश न कर। ना ना हाँ हाँ से, किसी तरन्नुम तराने की कोशिश न कर, इंतजार करूँगा तेरा मैं, मुझे आज़माने की कोशिश न कर। हम भी रूठ गए अब, हमे मनाने की कोशिश न कर, इस हंसी ख्वाब में हूँ, जगाने की कोशिश न कर। अपनी हाँ को ना में छुपाने की कोशिश न कर, नज़रें भी बोलती हैं, चुराने की कोशिश न कर। राकेश कडायला ©Rakesh Kadayala "कोशिश न कर"