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जबसें निकला हूँ बचपन से,छाव बदलती रहती है, जबसें त

जबसें निकला हूँ बचपन से,छाव बदलती रहती है,
जबसें तज़ुर्बा मिला है जीवन का,राय बदलती रहती है।
 सुप्रभात।
जीवन है ही इतना परिवर्तनशील कि हर मोड़ पर हमें अपने विचारों में परिवर्तन लाना पड़ता है। ठीक भी है क्योंकि एडजस्टमेन्ट के लिए बदलाव ज़रूरी है।
#राय #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi #yourquoteandmine #yourquotes #yourquotebaba #आशु_की_कलम_से
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