चेहरे पर दिल का भाव नज़र आया जब जब, पर्दानशीं मक्कारों ने जले पे नमक छिड़काया तब तब। टूटा पहाड़ सीने पे तब काम ही कौन आया किसके, बेमौत मारते, जलाने से पहले ही जलाया हरदम। कभी समाज का बंधन कभी रिश्तों में क्रन्दन, बयार देतें क्षुब्ध एहसासों को सूरत दिखाए जब जब। भावविहीन शब्दों के बाण चलाये, तनिक नहीं लाज, नीम का जैसे करें हो सेवन, बातें लू सा झुलसाए मन। एक एक क़दम बढ़ाकर सुबह को रात किया करतें हैं, सुन सुनकर भी सब जली जली जिया करतें हैं बेसबब।— % & ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_457 👉 जले पर नमक छिड़कना मुहावरे का अर्थ - दुखी को और दुखी करना। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ लिखने के बाद यहाँ Done काॅमेंट करें।