हे भरतखण्ड अब हो प्रचण्ड कर खण्ड खण्ड शत्रु घमण्ड। तन खण्ड खण्ड शत्रु का दण्ड वह है उद्दण्ड हे धर्मदण्ड।। #india #bharat #hindi #hindipoetry #pakistanmurdabad #भारत #भारत_माता_की_जय