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# भारत मे नारी शिक्षा की जनक, भार | Hindi विचार

भारत मे नारी शिक्षा की जनक, भारत की पहली शिक्षिका माता सावित्री बाई फुले जी की 191वीं जयंती 03 जनवरी को आप सभी को बधाई व शुभकामनाएं। 💐🙏
इन्होंने ही देश मे सबसे पहले लड़कियों के लिए स्कूल खोलें, नारी शिक्षा की अलख जगाई, नारी शिक्षा के अलावा छुआछूत, सती प्रथा, बाल विवाह व अन्य कुप्रथा के खिलाफ अपने पति महात्मा ज्योतिबा फुले जी के साथ मिलकर खत्म करवाने का काम किया, महामारी में लोगों की सेवा करते समय स्वम बीमारी की चपेट में आकर काल का ग्रास बन गयी। भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कहा था कि अगर माता सावित्री बाई फुले नही होती तो आज इंदिरा गांधी भी देश की प्रधानमंत्री नही होती। उस समय लड़कियों को शिक्षा देने के बदले उन्होंने क्या क्या नही सहा! रूढ़िवादी लोग उनको गोबर, कीचड़ व पत्थर मारते थे, ताने देते थे, गन्दी गन्दी गालियां देते थे, यहां तक कि उनके ससुर ने उनके पति महात्मा ज्योतिबा फुले व सावित्री बाई फुले जी को शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के कारण घर से निकाल दिया था, लेकिन वे अपने मार्ग से विचलित नही हुए। लोगों में शिक्षा के प्रति नई चेतना व उमंग पैदा की, आज हमारी बेटियाँ शिक्षा प्राप्त कर रही है, आगे बढ़ रही है, देश व परिवार का नाम ऊंचा कर रही है सब माता सावित्री बाई फुले जी की देन है। असलियत में माता सावित्री बाई फुले जी ही विद्या की देवी है, न कि कोई सरस्वती, माता सावित्री बाई फुले से पहले किसी विद्या की देवी ने देश की लड़कियों को शिक्षा नही दी। किसी अन्य देवी की मूर्ति घर मे हो या न हो, विद्या की देवी माता सावित्री बाई फुले जी की फ़ोटो जरूर घर मे होनी चाहिए ताकि आप अपने आने वाली पीढ़ियों को उनके बारे में बता सके, उनके संघर्ष की कहानी बच्चों को जरूर बताये।उनके बताये रास्ते पर चलने के लिए बच्चों को प्रेरित करें।
 नमन है विद्या की ऐसी देवी 🧚‍♂️को।💐💐🙏
neerajkaushik7064

Anvi kaushik

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भारत मे नारी शिक्षा की जनक, भारत की पहली शिक्षिका माता सावित्री बाई फुले जी की 191वीं जयंती 03 जनवरी को आप सभी को बधाई व शुभकामनाएं। 💐🙏 इन्होंने ही देश मे सबसे पहले लड़कियों के लिए स्कूल खोलें, नारी शिक्षा की अलख जगाई, नारी शिक्षा के अलावा छुआछूत, सती प्रथा, बाल विवाह व अन्य कुप्रथा के खिलाफ अपने पति महात्मा ज्योतिबा फुले जी के साथ मिलकर खत्म करवाने का काम किया, महामारी में लोगों की सेवा करते समय स्वम बीमारी की चपेट में आकर काल का ग्रास बन गयी। भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कहा था कि अगर माता सावित्री बाई फुले नही होती तो आज इंदिरा गांधी भी देश की प्रधानमंत्री नही होती। उस समय लड़कियों को शिक्षा देने के बदले उन्होंने क्या क्या नही सहा! रूढ़िवादी लोग उनको गोबर, कीचड़ व पत्थर मारते थे, ताने देते थे, गन्दी गन्दी गालियां देते थे, यहां तक कि उनके ससुर ने उनके पति महात्मा ज्योतिबा फुले व सावित्री बाई फुले जी को शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के कारण घर से निकाल दिया था, लेकिन वे अपने मार्ग से विचलित नही हुए। लोगों में शिक्षा के प्रति नई चेतना व उमंग पैदा की, आज हमारी बेटियाँ शिक्षा प्राप्त कर रही है, आगे बढ़ रही है, देश व परिवार का नाम ऊंचा कर रही है सब माता सावित्री बाई फुले जी की देन है। असलियत में माता सावित्री बाई फुले जी ही विद्या की देवी है, न कि कोई सरस्वती, माता सावित्री बाई फुले से पहले किसी विद्या की देवी ने देश की लड़कियों को शिक्षा नही दी। किसी अन्य देवी की मूर्ति घर मे हो या न हो, विद्या की देवी माता सावित्री बाई फुले जी की फ़ोटो जरूर घर मे होनी चाहिए ताकि आप अपने आने वाली पीढ़ियों को उनके बारे में बता सके, उनके संघर्ष की कहानी बच्चों को जरूर बताये।उनके बताये रास्ते पर चलने के लिए बच्चों को प्रेरित करें। नमन है विद्या की ऐसी देवी 🧚‍♂️को।💐💐🙏 #विचार

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