आओ मिलकर अबकी बारी,स्नेह से दीप जलाएंगे। प्रेम पूर्वक घर घर जाकर, हम सब मंगल गाएंगे।। अपनों तक ही रहें ना सीमित, रीति पुरानी अपनाएं। घर घर आनंद मंगल आए, भजन कीर्तन सब गाएँ।। भोर में श्री बजरंग बली की, पूजा उपरांत पाएं प्रसाद। लेकिन उससे पूर्व सभीको, प्रसाद देना न भूलें आप।। पावन मन से घर घर जाकर, प्रसाद बांट कर ही खाएं। सन्ध्या समय भी खील बतासे, मिठाईयाँ घर घर बंटवाएं।। उससे पूर्व श्री गणेश मां लक्ष्मी, जी का मिलकर करें पूजन। सन्ध्या सयम दीपमालाओं की, सब मिल लड़ी लगाएं हम।। एक भी घर ना बचे सभी घर, जाकर दीप जलाएंगे। निर्धन के घर में भी आज तो, हम प्रकाश फैलायेंगे।। फुलझड़ियां देंगे बच्चों को,ऐसी धूम मचाएंगे। लेकिन दुर्घटनाएं ना हों, वही चातुर्य दिखाएँगे।। नेति। धन्यवाद। ©bhishma pratap singh #शुभदीपावली#हिन्दी कविता#काव्य संकलन#भीष्म प्रताप सिंह#समाज और संस्कृति#Diwali#नवंबर creator