अवकाश मानो ठहर सी गई है घड़ी या फिर चल रही धीमी गति से न शोर है न रफ्तार है सबका अनजाना व्यवहार है अपनों में भी दूरी है जाने कैसी मजबूरी है कुछ ऐसा हुआ है रह रह कर श्मशानों से उठ रहा धुआं है सब घरों में बंद है अनिश्चित अवकाश है। अनिश्चित अवकाश है। uncertain holidays#corona suffering of whole world