•| Sonnet |• "जुनून ऐ इश्क़" तुझसे इतना इश्क़ किया, की खुद को हार गई। खुद को तुझ पर वार दिया, तेरी हर अदा मार गई। तेरी आदत है मुझे, तू समझे क्यों नहीं। मैं ज़रूरी हूं तुझे, तू माने क्यों नहीं। आज नहीं तो कल, तुझे पा कर रहूंगी। पल पल हर पल, तेरी हो के रहूंगी। तेरे बिन अब ना लूंगी एक भी दम, तुझे इतना चाहती हूं सनम।। #sonnet का मेरा पहला प्रयास। 🙈 पढ़कर अवश्य बताएं कैसा लगा? "जुनून ऐ इश्क़" तुझसे इतना इश्क़ किया, की खुद को हार गई।