कदे तपतो तावड़ो तो कदे कड़कड़तो जाडो रेवै कदे पतझड़ ळागै तो कदे बंसत बहार रेवै जीवण रा मौसम बी ईया ही बदळता रेवै कदे सुख री नाळ चाळज्या तो कदे दुख पड जावै कदे जीवण को पह्ळो सुरज उगै और बखत के सागै साँझ ढ़ळ जावै यो चकर ईया ही चाळता रेवै कदे तपतो तावड़ो तो कदे कड़कड़तो जाडो रेवै कदे पतझड़ ळागै तो कदे बंसत बहार रेवै जीवण रा मौसम बी ईया ही बदळता रेवै कदे सुख री नाळ चाळज्या तो कदे दुख पड जावै कदे जीवण को पह्ळो सुरज उगै और बखत के सागै साँझ ढ़ळ जावै यो चकर ईया ही चाळता रेवै #YqRajasthani #म्हारोराजस्थान