इस कमबख्त जहां को ईखतिला करो,, जो जमी को छोड़ आसमां में उड़ने के.... हर वक्त ख़वाब सजा रही है।। की आख़िर इन.…... परों के थक जानें के बाद, आसमां पे आराम के लिए ज़मी नसीब नहीं होगी।।। ©Naina Chandravanshi #be_positive हर मंजिल की एक रह तो होती ही है।।।।।।🖤🤞🤞 बस रेंगने कि देर है.....****