ख़ूबसूरत चाँद तारों के साथ आयी है इश्क़-ए-जाम से भिगोने रात आयी है ख़ाब क्या देखूँ जब महबूब सामने है दिल में छुपी ज़ुबां पे बात आयी है बेमतलब या मतलब की जैसी हो बात दिल के दिल से जुड़ने की रात आयी है तुम बिन जीना खौफ़नाक सपना है तुमसे मिलके ही चैन की साँस आयी है ग़र मिल जाओ दुनिया का खौफ़ नहीं दुनिया के शोर को दूर कर रात आयी है पलकों ने झपकने से इंकार कर दिया है इश्क़ से सराबोर करने ये रात आयी है ख़ुशनसीब है ' निशि ' महबूब साथ में है जन्नत को ज़मीं पर उतारने रात आयी है ❤️🤍❤ #प्रतिरूप #kkप्रतिरूप #कोराकाग़ज़प्रतिरूप #प्रतिरूपग़ज़ल #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकागज़