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...© कानों में तुम्हारे मिश्रियां घोल दूं ; ठहरो ज

...© कानों में तुम्हारे
मिश्रियां घोल दूं ;
ठहरो ज़रा "ख़्वाब"!
पलकों के पर्दे खोल दूं ।।

ढलते नयनों से
मोतियां बटोर लूं ;
रुको ज़रा "अंतर्मन"!
...© कानों में तुम्हारे
मिश्रियां घोल दूं ;
ठहरो ज़रा "ख़्वाब"!
पलकों के पर्दे खोल दूं ।।

ढलते नयनों से
मोतियां बटोर लूं ;
रुको ज़रा "अंतर्मन"!