हे कृष्णा क्या अद्भुत वायक्तित्व होगा आप का, जिसने देखा वो तो दीवाना हुआ ही , जिसने सुना वो भी हो गया, आप छलिया आप मधुसूदन आप ही हो गिरिधारी, कितना चंचल कितना निर्मल हो , तुम मेरे बाकें बिहारी, मुरली की धुन पर सुध बुध ले लेते हो, अपनी मैया को भी ठग लेते हो , माटी फांक कर त्रिभुवन का दर्शन है करवाया, धेनु चारा कर न जाने कितने असुरों को , मोक्ष दिलाया, हे मेरे गिरिधर, हे मेरे रघुवर,मेरे नंददुलारे, अपनी शरण में रख लेना , हे यदुवंशी कन्हैया बृजवासी, #कृष्णार्पण