White आज का प्रेम प्रतिस्पर्धा करता है जहां प्रतिस्पर्धा आ जाए प्रेम कैसे रह पाएगा प्रेम प्रतीक है शून्यता से विस्तार का और विस्तारीकरण की प्रेम का निष्कर्ष है प्रतिस्पर्धा तोड़ने का कार्य करती है अत: आज कल अब प्रेम नहीं करते प्रेम के आड़ में व्यापार करते हैं, प्रतिस्पर्धा करते हैं। प्रेम विषय ही नहीं है वस्तु का प्रेम अगर कुछ हो सकती है तो केवल भावना हो सकती है और भावनाएं केवल निरन्तर बहा करती हैं। कोई बहने लग जाए तुम्हारे सामने तो तुम उसके बहने की सीमा का आकलन जरूर करना स्वयं बहने से पहले क्योंकि ये समय भयानक बहुत भयानक है। । । ©gudiya #love_shayari #Nojoto #nojotohindi #nojotophoto #nojotoshayari #nojotoquote