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तुम्हारे प्रेम के कारण,रूह यह चैन पाता है। हृदय आन

तुम्हारे प्रेम के कारण,रूह यह चैन पाता है।
हृदय आनंद सागर में,हिलोरें खूब खाता है।।

©Bharat Bhushan pathak
  #CrescentMoon 
तुम्हारे प्रेम के कारण,रूह यह चैन पाता है।
हृदय आनंद सागर में,हिलोरें खूब खाता है।।

#CrescentMoon तुम्हारे प्रेम के कारण,रूह यह चैन पाता है। हृदय आनंद सागर में,हिलोरें खूब खाता है।। #Love

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