बातों की बात कहिये , यूँ न खुद को रोकिये, समझौता कहाँ तक यूँ न समझौता कीजिये, हक के हकदार है माँगा वहिं जो अधिकार है, देते क्यो नहीं बस बेवजह लगाते प्राधिकार है, इतनी तो समझ हम में है हम भी समझदार हैं, नादां नही है जो लगाते इतने हमपर पहरेदार है, अपना था मांग लिया जोरजबरदस्ती नही की, फिर क्यो कहते हो आप कि हम गुनहगार हैं, बुलंद है हम हौसलों से न कभी उम्मीद छोड़ेंगे, कोशिश एक नही करते हम भी बारम्बार है।। ♥️ Challenge-716 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।