रंग से गोरी न थी 😀😀 😀😀लेकिन सुन्दर थी बहुत ऊंची न थी 😀😀 😀😀लेकिन मेरे लिए योग्य थी प्रेम देने वाली न सही😀😀 😀😀मेरे कदमों से कदम मिलाकर चलती थी मंदिर मस्जिद जाने से इंकार करती थी 😀😀 😀😀लेकिन बाहर आने का इंतजार करती थी लेकिन कहीं भी जाओ मेरे लिए रुक जाती थी वो 😀😀😀😀😀😀😀😀 जैसी भी थी मेरी चप्पल थी कोई उठाकर ले गया| ©sonali dubey #जैसी भी थी