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आइए पढ़िए एक कहानी मैंने लिखी है पसंद आए तो शीर्षक

आइए पढ़िए एक कहानी
मैंने लिखी है पसंद आए तो शीर्षक जरूर बताइएगा क्योंकि कहानी का शीर्षक आपको सुझाना है।
(कहानी कैप्शन में हैं) रसोईघर से टिफिन भरते हुए अंजली ने अपने बेटे को आवाज लगाते हुए कहा,  "सौम्य बेटा पापा को जगा दो।  उनको बोलो हम लोग नाश्ता करके स्कूल के लिए निकल रहे हैं।  नहीं तो फिर हमें स्कूल के लिए लेट हो जाएगा" । "सौम्य बेटा नाश्ता कर लो" अंजलि ने किचन से आवाज लगाई,  और हां "पापा को बोलो प्लीज हमें स्कूल तक छोड़ दे" । 
                 "तुम्हारे पापा भी ना बहुत आलसी हो गए हैं । जाने दो,  सौम्य बेटा चलो स्कूल के लिए देर हो रही है।  पापा को बोलो हम स्कूटी लेकर जा रहे हैं । आज वह आफिस अपनी कार से चले जाएI  फिर
आइए पढ़िए एक कहानी
मैंने लिखी है पसंद आए तो शीर्षक जरूर बताइएगा क्योंकि कहानी का शीर्षक आपको सुझाना है।
(कहानी कैप्शन में हैं) रसोईघर से टिफिन भरते हुए अंजली ने अपने बेटे को आवाज लगाते हुए कहा,  "सौम्य बेटा पापा को जगा दो।  उनको बोलो हम लोग नाश्ता करके स्कूल के लिए निकल रहे हैं।  नहीं तो फिर हमें स्कूल के लिए लेट हो जाएगा" । "सौम्य बेटा नाश्ता कर लो" अंजलि ने किचन से आवाज लगाई,  और हां "पापा को बोलो प्लीज हमें स्कूल तक छोड़ दे" । 
                 "तुम्हारे पापा भी ना बहुत आलसी हो गए हैं । जाने दो,  सौम्य बेटा चलो स्कूल के लिए देर हो रही है।  पापा को बोलो हम स्कूटी लेकर जा रहे हैं । आज वह आफिस अपनी कार से चले जाएI  फिर