कुबूल है हर शायरी तेरी, आखों में है तेरी तपन, मान लूं ये बनावटी शब्दों का गहन, अनमोल है इश्क मेरा, नज़रों में नज़रबंद, नकारना न कभी, अपनी हरकतों में मग्न। #rztask239 #rzलेखकसमूह #restzone #YourQuoteAndMine Collaborating with G.r. Batra