मायानगरी कुछ पाने की चाहत में बहुत कुछ खो चुका है वो, नमी नहीं रही आँखों में कुछ इतना रो चुका है वो, मायूसी भी अब मायूस हो चुकी है उसे यूँ देखकर, अपने-पराए सारे ही रिश्तों से हाथ धो चुका है वो, उसके ख्वाहिशों ने उसके अपनों से उसे दूर कर दिया, सफ़र ने भी उसे बस हालातों के आगे मजबूर कर दिया, अदाकार बनने के ख्वाब लेकर आया था वो मायानगरी में, वक़्त ने तो उसके असल किरदार को ही चूर चूर कर दिया, क्या वादा करके चला था घर से, क्या से क्या हो चुका है वो, कुछ चाहने की भी चाहत नहीं रही इतना कुछ खो चुका है वो। BY:— © Saket Ranjan Shukla IG:— @my_pen_my_strength मायानगरी...! . . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment