आज़ाद एक परिंदा है दिल, पिंजरों में आखिर कब तक रहेगा.. ज़माने की हर बंदिश को तोड़ के, इल्म था एक दिन ज़रूर उड़ेगा..।। #section377 #परिंदा #दिल #आज़ाद #yourquotehindi #hindi #hindipoetry #hindishayari