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हारना नहीं फूल खिलते गए , सजती रही महफ़िल, खुंशबू

हारना नहीं फूल खिलते गए ,
सजती रही महफ़िल,
 खुंशबू बिखरती रहीं,
पर तूम नहीं आई,
तो क्या फर्क पड़ता है...
मुस्कुराहटें बहुत सज रहे थे महफ़िल में,
किस्मत में  हार थी पर
 हारना नही ये मेरा वसूल था ...
तुम कहीं और दिप सजाते  रहें,
तो क्या फर्क पड़ता है..
तुम्हारी यादों में खुद को भुलाए बैठे हैं हम यँहा,
फिर भी तुमको हिचकीयां न आई,
तो क्या फर्क पड़ता है..
फ़ितरत में  हारना कभी नहीं सोचा है,
पर लगता है मेरी जीत से तुम्हें रुसवाई है,
तो क्या फर्क पड़ता है..
किस्मत में  हार थी पर
 हारना नही ये मेरा वसूल था ...
जहन में एक रोग दस्तख दे रखा है 
अब तबियत सुस्त रहा करती है आज कल,
शायद तुमने दी हमारी मौत की दुहाई है,
तो क्या फर्क पड़ता है...
किस्मत में  हार थी पर
 हारना नही ये मेरा वसूल था ...
बेवफा न तुम थे,
बेवफा न हम थे,
बेवफाई किस्मत ने दिखाई है,
तो क्या फर्क पड़ता है....
किस्मत में  हार थी पर
 हारना नही ये मेरा वसूल था ...

🤔निशीथ🤔

©Nisheeth pandey फूल खिलते गए ,
सजती रही महफ़िल,
 #खुंशबू बिखरती रहीं,
पर तूम नहीं आई,
तो क्या फर्क पड़ता है...
मुस्कुराहटें बहुत सज रहे थे महफ़िल में,
किस्मत में  हार थी पर
 हारना नही ये मेरा वसूल था ...
हारना नहीं फूल खिलते गए ,
सजती रही महफ़िल,
 खुंशबू बिखरती रहीं,
पर तूम नहीं आई,
तो क्या फर्क पड़ता है...
मुस्कुराहटें बहुत सज रहे थे महफ़िल में,
किस्मत में  हार थी पर
 हारना नही ये मेरा वसूल था ...
तुम कहीं और दिप सजाते  रहें,
तो क्या फर्क पड़ता है..
तुम्हारी यादों में खुद को भुलाए बैठे हैं हम यँहा,
फिर भी तुमको हिचकीयां न आई,
तो क्या फर्क पड़ता है..
फ़ितरत में  हारना कभी नहीं सोचा है,
पर लगता है मेरी जीत से तुम्हें रुसवाई है,
तो क्या फर्क पड़ता है..
किस्मत में  हार थी पर
 हारना नही ये मेरा वसूल था ...
जहन में एक रोग दस्तख दे रखा है 
अब तबियत सुस्त रहा करती है आज कल,
शायद तुमने दी हमारी मौत की दुहाई है,
तो क्या फर्क पड़ता है...
किस्मत में  हार थी पर
 हारना नही ये मेरा वसूल था ...
बेवफा न तुम थे,
बेवफा न हम थे,
बेवफाई किस्मत ने दिखाई है,
तो क्या फर्क पड़ता है....
किस्मत में  हार थी पर
 हारना नही ये मेरा वसूल था ...

🤔निशीथ🤔

©Nisheeth pandey फूल खिलते गए ,
सजती रही महफ़िल,
 #खुंशबू बिखरती रहीं,
पर तूम नहीं आई,
तो क्या फर्क पड़ता है...
मुस्कुराहटें बहुत सज रहे थे महफ़िल में,
किस्मत में  हार थी पर
 हारना नही ये मेरा वसूल था ...