तू ख़ुद नहीं है मेरी, फिर भी जान तुझ पर ही अटकी है, किसी पर भरोसा नहीं है मुझे, तुझ पर तव्वकूल ए रुख बैठी है. फुनफरीद हो कर जाओगी कहाँ तुम मुझे से, इस्तराहत कही ना मिलेगा तुझे... तेरे इश्क़ का तंगदस्त हूँ वरना, जाब्ज़ा हर शख्स है बैठा... तेरे खुशबू में जो मुसर्रत है जाने जाँ, की मेरे अहद में भी बका रहना मुश्किल है, ©Vicky Louis minz मेरा अहद #Trees