ओ मांँ! तेरे चेहरे की झलक देखकर मेरा चेहरा खुशियों से भर जाता है। जब प्यार से सर पर हाथ रखती है मेरा अंँतर्मन प्यार से खिल जाता है। मेरी राहों के सारे कांँटे चुनकर मांँ तू मेरे लिए गुलाब सी बन जाती है। दुनियांँ की बुरी नजर नजरों से बचाने के लिए काला टीका तू लगाती है। ओ मांँ! तू मेरे लिए आंँगन की तुलसी, पावन बरगद की छाया जैसी है। मांँ तू अपने सारे सपनों का महल गिरा कर हमारे सारे सपने सजाती है। ओ मांँ! तेरे चरणों को छू कर पानी गंगाजल से भी पवित्र बन जाता है। मांँ तेरी मोहब्बत के बिना, हमें अपना जीवन अधूरा-अधूरा लगता है। ओ मांँ! तेरी मुस्कान में मेरा जहांँ समाया है तू "एक सोच" का साया है। मांँ तेरे चरणों में ही मेरी जन्नत है गिरजाघर है और शिवाला बसता है। ♥️ Challenge-563 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ Happy Mother's Day ♥️ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए।