बना है लोगों के परिवार से, भीड़ में हर कोई मिलता है अनजान, फिर भी होती है एक जान पहचान, मिलते हैं कहीं मुखोटे इंसान के, फिर भी कर लेते है विश्वास उन पर, शहर जैसे बना है, हमारे जज्बातों से। #yosimwrimo में आज शहर के विभिन्न रूपों के बारे में लिखें। #शहरजैसे #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #hindipoetry #instawriters #love #inspiration