पैसे का है आजकल सबको जुनून, पर क्या सच में मिलता है, पैसों से सुकून। बाहरी दिखावे की लगी है होड़, एक से एक दुरंधर, मिलते हर दूसरे मोड़। भागते-2 इस दौड़ मैं, जीना भूल गए नामाकूल इसलिए आप बाहरी दिखावे से रहिए दूर, दिल से दिल जीतकर, बनिए किसी की आँखों का नूर। BahariDikhawa..!!