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माँ ' आंबे... ... मेरी ज़िद हे ' माँ तू बिगड़ी हर

माँ ' आंबे...  ...
 मेरी ज़िद हे ' माँ तू बिगड़ी हर उम्मीद पर मुझको संभाल लेगी ...
 तेरी ममता और भक्ति का मेरी रिस्ता हे जग में निराला ....

 " उम्मीद का दिया हे नज़रो में मेरे
भक्तो की लाज़ हे ममता का साया 
कोई अलफ न बोल में फॉर भी सुनती है 
दरबार में तेरे तू सबकी किस्मत बुनती हे "

©G0V!ND DHAkAD #7th #8th #9th day

#navratri
माँ ' आंबे...  ...
 मेरी ज़िद हे ' माँ तू बिगड़ी हर उम्मीद पर मुझको संभाल लेगी ...
 तेरी ममता और भक्ति का मेरी रिस्ता हे जग में निराला ....

 " उम्मीद का दिया हे नज़रो में मेरे
भक्तो की लाज़ हे ममता का साया 
कोई अलफ न बोल में फॉर भी सुनती है 
दरबार में तेरे तू सबकी किस्मत बुनती हे "

©G0V!ND DHAkAD #7th #8th #9th day

#navratri