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चन्द लाइने बदलते हुए रिश्तों के नाम आज के परिवर्तन

चन्द लाइने बदलते हुए रिश्तों के नाम
आज के परिवर्तनशील युग में समय समय पार रिश्ते बदलते रहते हैं और बदले क्यों नहीं जब प्रकृति ही विभिन्न ऋतुओं के रूप में परिवर्तित होता रहता है ती उसका असर हम पर क्यों नहीं पड़ेगा कब हम छोटे होते थे तो हमारे ओर ढेर सारे प्यारे रिश्ते हुआ करते थे दादा, दादी का प्यार नाना नानी और ढेर सारे भाई बहनों का समूह उस समय चचेरे भाई हो या कोई सब आपस मिलकर रहते थे ओर कमी बेदी को दरकिनार कर एक साथ रहते थे। पर वही रिश्ते बड़े होने पर उस वही बड़े जिनके गोद में हम पले वो दुश्मन क्यों बनते हैं यह जवलंत प्रश्न है। अगर एक परिवार के लोग आप में लड़े तो देश का क्या होगा इसका जवलंत उदाहरण महाभारत का युद्ध है। क्योंकि परिवार से ही समाज बनता है और समाज से देश। बचपन की मीठी यादों को वर्तमान में क्यों नही अपनाता है ताकी जीवन में खुश रह सके। मौसम बदलते हैं धरती और आसमान वही रहते हैं तो क्यों न हम धर्ती और आसमान के तरह देना सीखे।
चन्द लाइने बदलते हुए रिश्तों के नाम
आज के परिवर्तनशील युग में समय समय पार रिश्ते बदलते रहते हैं और बदले क्यों नहीं जब प्रकृति ही विभिन्न ऋतुओं के रूप में परिवर्तित होता रहता है ती उसका असर हम पर क्यों नहीं पड़ेगा कब हम छोटे होते थे तो हमारे ओर ढेर सारे प्यारे रिश्ते हुआ करते थे दादा, दादी का प्यार नाना नानी और ढेर सारे भाई बहनों का समूह उस समय चचेरे भाई हो या कोई सब आपस मिलकर रहते थे ओर कमी बेदी को दरकिनार कर एक साथ रहते थे। पर वही रिश्ते बड़े होने पर उस वही बड़े जिनके गोद में हम पले वो दुश्मन क्यों बनते हैं यह जवलंत प्रश्न है। अगर एक परिवार के लोग आप में लड़े तो देश का क्या होगा इसका जवलंत उदाहरण महाभारत का युद्ध है। क्योंकि परिवार से ही समाज बनता है और समाज से देश। बचपन की मीठी यादों को वर्तमान में क्यों नही अपनाता है ताकी जीवन में खुश रह सके। मौसम बदलते हैं धरती और आसमान वही रहते हैं तो क्यों न हम धर्ती और आसमान के तरह देना सीखे।