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जी भर के भीगना चाहा हमने बारिश में, वो तमन्ना हमार

जी भर के भीगना चाहा हमने बारिश में,
वो तमन्ना हमारे दिल मे रह गई।
आँसुओं का आया ऐसा सैलाब आँखों में,
मैं उनसे ही सराबोर हो गई।

दिल में ना जाने कितने अरमान थे मचल रहे,
उनके बिखरते ही मैं सुध बुध अपनी खो गई।
अब ढूँढ लिए हैं हमने नए आयाम जीने के,
ग़म हमारे इक पुरानी बात हो गई।

बढ़ती जा रही हूँ मैं जीवन पथ पर आगे,
ज़िंदगी ना जाने कैसे मेरी थी थम गई।
किसी के रोके से अब ना रुकूँगी मैं,
आगे बढ़ना ही है ज़िंदगी, ये मैं समझ गई। शब भर बारिश हुई.. आज सूखी ज़मीं 
जाने क्यों.. मेरी आँखों में नमी रह गई!
सफ़र सुहाना है......ज़िंदगी का वैसे तो,
क्यों लगता है कभी.. कुछ कमी रह गई!

सारे  जज़्बातों को तो, ज़ाहिर किया तुमने,
लगता है कुछ बातें, जैसे अनकही रह गईं।
महकते गुलों की सी फ़ितरत मोहब्बत की,
जी भर के भीगना चाहा हमने बारिश में,
वो तमन्ना हमारे दिल मे रह गई।
आँसुओं का आया ऐसा सैलाब आँखों में,
मैं उनसे ही सराबोर हो गई।

दिल में ना जाने कितने अरमान थे मचल रहे,
उनके बिखरते ही मैं सुध बुध अपनी खो गई।
अब ढूँढ लिए हैं हमने नए आयाम जीने के,
ग़म हमारे इक पुरानी बात हो गई।

बढ़ती जा रही हूँ मैं जीवन पथ पर आगे,
ज़िंदगी ना जाने कैसे मेरी थी थम गई।
किसी के रोके से अब ना रुकूँगी मैं,
आगे बढ़ना ही है ज़िंदगी, ये मैं समझ गई। शब भर बारिश हुई.. आज सूखी ज़मीं 
जाने क्यों.. मेरी आँखों में नमी रह गई!
सफ़र सुहाना है......ज़िंदगी का वैसे तो,
क्यों लगता है कभी.. कुछ कमी रह गई!

सारे  जज़्बातों को तो, ज़ाहिर किया तुमने,
लगता है कुछ बातें, जैसे अनकही रह गईं।
महकते गुलों की सी फ़ितरत मोहब्बत की,
poonamsuyal2290

Poonam Suyal

Bronze Star
Growing Creator

शब भर बारिश हुई.. आज सूखी ज़मीं जाने क्यों.. मेरी आँखों में नमी रह गई! सफ़र सुहाना है......ज़िंदगी का वैसे तो, क्यों लगता है कभी.. कुछ कमी रह गई! सारे जज़्बातों को तो, ज़ाहिर किया तुमने, लगता है कुछ बातें, जैसे अनकही रह गईं। महकते गुलों की सी फ़ितरत मोहब्बत की, #YourQuoteAndMine #restzone #collabwithrestzone #Nivedita #विशेषप्रतियोगिता #rzलेखकसमूह #rztask379