चाँद का कसूर चाँद का कसूर क्या, बस इतना कि वो चमकता है, कहाँ चाँद अपनी, चाँदनी पे कोई नाज करता है। बेवफा होती है रात, जो अंधेरे के साथ चलती है। अंधेरा ही सर्वत्र, हमेशा ही उसपे राज करता है।। बेकसूर #Chand #Moon #रातशायरी #चाँदशायरी #हिंदीशायरी