कमलेश कुदरत ने रचे हैं जीव बेशुमार अलग अलग खान पान, अलग सबकी पुकार इनका व्यवहार भी मानो एक नया सबक जो समझ सके, उसका जीवन सकता है महक ©Kamlesh Kandpal #Sbak