खो जाऊं अगर इस जमीं में कहीं, तुम आवाज मत देना खामोश रहकर, सोच लेना कहीं यहीं पर हूं, चुप हो जाना यही सोचकर, मौत भी कमबख्त बड़ी बुजदिल है, ये आती नहीं है आंख खोलकर, सोचता हूं अगर सो जाऊं मैं कहीं, तुम आवाज मत देना खामोश रहकर, एक वादा तो इतना निभा देना जाना, तुम रोना नहीं यूं अश्रु बहाकर, टूटे ख्वाब की कसम है तुम्हें जाना, तुम आवाज मत देना खामोश रहकर...! तुम आवाज मत देना खामोश रहकर...!