मांगा था साथ तुमसे तुम वो भी न दे सके इश्क के गलियारों में तुम भरोसा नहीं दे सके इधर उधर की बात बहुत करी मेरे सवालों का जवाब न दे सके गैरो में तुमने खुद को बाट दिया मुझे तुम खुद की झलक न दे सके करने को तुम बराबरी चले हो उनकी जो हमसफर का अपने साथ न दे सके जिनकी नजरो में बेहतर हो कोई और वह किसी को प्यार न दे सके.. खुद तो तुम समझते हो अमानतदार हमारी नजरो से नजरे नही मिला सके.. बात करते है वो लोग भी इश्क की जो किसी का साथ न दे सके.. ©Varun Verma #Top #Fashion #poem #peotry #Nojoto