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सोचो कितना अच्छा होता , बचपन का एक सपना होता , गुड

सोचो कितना अच्छा होता ,
बचपन का एक सपना होता ,
गुड्डा गुडिया सादी गौना,
अपना गांव खिलौना होता,
खून के प्यासे वार न होते,
गुस्से भी हम प्यार से होते,
गाली देता दोस्त हमारा,
दुष्मन सा एहसास न होता. #Lovestone
सोचो कितना अच्छा होता ,
बचपन का एक सपना होता ,
गुड्डा गुडिया सादी गौना,
अपना गांव खिलौना होता,
खून के प्यासे वार न होते,
गुस्से भी हम प्यार से होते,
गाली देता दोस्त हमारा,
दुष्मन सा एहसास न होता. #Lovestone