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खुद को आईने मे निहारती हुई स्त्री निहार रही थी अप

खुद को आईने मे निहारती हुई स्त्री 
निहार रही थी अपने चेहरे को
उस पर पड़े झुर्रियों को 

जो याद दिलाता है वह उम्र
जो उसने त्याग दिया अपने परिवार के लिए

फिर वह निहारती है अपने हाथ 
जिसने न जाने कितनों को भूखे न सोने दिया

अंत में घूरती है अपने होठों से गायब खुशी को 
जो न जाने कितनी सदियों पहले उससे नाता तोड़ चुकी है। #yqbaba #yqdidi #yqhindi #poetry #women #sacrificesforfamily #salutetowomen 
#nishtharishi
खुद को आईने मे निहारती हुई स्त्री 
निहार रही थी अपने चेहरे को
उस पर पड़े झुर्रियों को 

जो याद दिलाता है वह उम्र
जो उसने त्याग दिया अपने परिवार के लिए

फिर वह निहारती है अपने हाथ 
जिसने न जाने कितनों को भूखे न सोने दिया

अंत में घूरती है अपने होठों से गायब खुशी को 
जो न जाने कितनी सदियों पहले उससे नाता तोड़ चुकी है। #yqbaba #yqdidi #yqhindi #poetry #women #sacrificesforfamily #salutetowomen 
#nishtharishi